आज़ाद पुलिस ने जिलाधिकारी गाज़ियाबाद को अपने प्रार्थनापत्र में तिरंगा गुटखे का नाम बदलने सम्बन्धी ज्ञापन दिया था और एक दिन की भूख हड़ताल भी की थी, तथा यह भी चेतावनी दी थी कि यदि तिरंगे का अपनान नहीं रोका गया तो छब्बीस जनवरी को कलेक्ट्रेट पर जिलाधिकारी को काला झण्डा दिखा कर प्रशासन के रवैये के प्रति अपना विरोध प्रकट करेगा. इसके बावज़ूद प्रशासन द्वारा इस सम्बन्ध में कोई रूचि नहीं दिखाई गयी तो आज छब्बीस जनवरी को आज़ाद पुलिस ब्रह्मपाल काला झण्डा ले कर कलेक्ट्रेट परिसर में पहुँचे… इस से पहले कि वो अपना विरोध प्रकट करने जिलाधिकारी तक पहुँचते निहत्थे और अकेले ब्रह्मपाल को पुलिस वालों ने पकड़ लिया और काला झण्डा और उसके पत्र आदि जब्त कर लिए. इस तरह प्रशासन की शक्ति के आगे एक जज़्बा फिर बेबस नज़र आया.
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