लचर और असंवेदनशील सरकारी व्यवस्थाओं और अधिकारियों की मनमानी नौकरशाही व्यवस्था के चलते देश मे पूंजीवादियों और मुनाफाखोरों की पौ-बारह है। पहले तिरंगे के नाम पर नशे के लिए प्रयुक्त  पान मसाला का नाम रखने की अनुमति दे दी गयी जिसके लिए आजादपुलिस कई सालों से संघर्षरत है। पिछले दिनों एक प्लाइवुड की दुकान मे सैनिक प्लाइवुड का स्टिकर पैरों तले कुचला जाता हुआ देख कर लगा कि इन मुनाफाखोरों को पैसा कमाने के अतिरिक्त देश और देश भक्त सैनिकों के प्रति कोई सम्मान नहीं है। इस संबंध मे आज़ाद पुलिस द्वारा घोर आपत्ति और विरोध किया जा रहा है। हम सैनिकों और तिरंगे का अपमान नहीं सह सकते... 

2 comments:
आपकी पोस्ट की खबर हमने ली है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - कितनी जरूरी उधार की खुशी - ब्लॉग बुलेटिन
बेहतरीन जानकारी आँख खोलने वाली जानकारी
Post a Comment
एक तिनका जो डूबते देश को बचाने में लगा है... क्या आप साथ हैं?